महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से 'Live 7/12 अभियान' (Live Satbara Abhiyan) की शुरुआत की है, जो राज्य की भूमि व्यवस्था को पारदर्शी, अद्यतन और डिजिटल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। 7/12 दस्तावेज़ भूमि के स्वामित्व और उपयोग का सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण होता है, और इसका अद्यतन होना न केवल किसानों बल्कि संपत्ति खरीददारों और निवेशकों के लिए भी बेहद आवश्यक है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि 7/12 क्या होता है, ‘Live 7/12’ अभियान की ज़रूरत क्यों पड़ी, इसका उद्देश्य, प्रक्रिया, लाभ, चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा क्या है।
1. 7/12 दस्तावेज़ क्या है?
7/12 दस्तावेज़, जिसे मराठी में “सात बारा उतारा” कहा जाता है, महाराष्ट्र में भूमि से संबंधित एक प्रमुख अभिलेख है। इसका नाम दो फार्म नंबरों 7 और 12 के संयोजन से बना है:
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फॉर्म 7 – भूमि का स्वामी कौन है, यह दर्शाता है।
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फॉर्म 12 – उस भूमि पर किस फसल की खेती हो रही है, यह दर्शाता है।
यह दस्तावेज़ निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान करता है:
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भूमि मालिक का नाम
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क्षेत्रफल
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सर्वे नंबर
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खेती की गई फसल
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कर्ज या बंधक जानकारी
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उत्तराधिकार का विवरण
2. ‘Live 7/12 अभियान’ की आवश्यकता क्यों?
पिछले कई वर्षों से महाराष्ट्र के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड अद्यतन नहीं हुए थे। इसके कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं:
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गलत स्वामित्व विवरण: कई मामलों में 20-30 साल से उत्तराधिकार दर्ज नहीं हुआ था।
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किसानों को ऋण में कठिनाई: बैंकों को अद्यतन रिकॉर्ड चाहिए होता है, जो अनुपलब्ध था।
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भूमि विवादों में वृद्धि: गलत जानकारी के कारण कोर्ट केस और संपत्ति विवाद बढ़ रहे थे।
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डिजिटलीकरण की कमी: रिकॉर्ड मैनुअल फॉर्मेट में थे, जिससे पारदर्शिता नहीं थी।
इन सब समस्याओं के समाधान हेतु 'Live 7/12 अभियान' की शुरुआत की गई।
3. ‘Live 7/12’ अभियान क्या है?
'Live 7/12 अभियान' का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य की सभी भूमि रिकॉर्ड अद्यतन, डिजिटल और कानूनी रूप से वैध हों। इसका मुख्य उद्देश्य है:
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भूमि पर वर्तमान मालिकों का नाम अपडेट करना।
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उत्तराधिकार के मामलों को डिजिटल तरीके से दर्ज करना।
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भूमि पर दर्ज कर्ज, लीज़ और बंधक जानकारी को अद्यतन करना।
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पारदर्शी और आसानी से उपलब्ध रिकॉर्ड बनाना।
सरकार ने इसे "संपत्ति के आधार कार्ड" की तरह तैयार करने की दिशा में पहला कदम बताया है।
4. अभियान की प्रक्रिया
चरण 1: सर्वेक्षण और नोटिस
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संबंधित तहसील कार्यालय और राजस्व विभाग द्वारा क्षेत्रवार सर्वेक्षण किया जाता है।
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पुराने रिकॉर्ड का परीक्षण किया जाता है।
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जिन खातेदारों के रिकॉर्ड अपडेट नहीं हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाता है।
चरण 2: आवेदन और दस्तावेज़
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खातेदार https://bhulekh.mahabhumi.gov.in या तहसील कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
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आवश्यक दस्तावेज़: वारस प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र, बंटवारा पत्र, आधार कार्ड, भूमि कर रसीद।
चरण 3: सत्यापन
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तलाठी या पटवारी द्वारा दस्तावेजों का फील्ड सत्यापन किया जाता है।
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आपत्ति नहीं होने पर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है।
चरण 4: अद्यतन और डिजिटल सिग्नेचर
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नया 7/12 रिकॉर्ड ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
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डिजिटल हस्ताक्षर के साथ अद्यतन किया जाता है।
चरण 5: ईमेल/एसएमएस के माध्यम से सूचना
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खातेदार को ईमेल और एसएमएस द्वारा सूचित किया जाता है।
5. प्रमुख विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
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डिजिटल 7/12 | किसी भी समय डाउनलोड किया जा सकता है |
ई-हस्ताक्षरित दस्तावेज़ | वैध और प्रमाणिक |
उत्तराधिकार अद्यतन | वारिसों का नाम शामिल |
ऋण अद्यतन | बैंकों द्वारा बंधक सूचना दर्ज |
पारदर्शिता | धोखाधड़ी में भारी कमी |
6. किसानों और आम जनता को लाभ
✅ ऋण प्राप्ति में सरलता
अद्यतन 7/12 के कारण बैंकों को भूमि रिकॉर्ड की पुष्टि में आसानी होगी, जिससे किसान सरलता से फसल ऋण, ट्रैक्टर लोन आदि प्राप्त कर पाएंगे।
✅ भूमि विवादों में कमी
पुराने रिकॉर्ड की त्रुटियों को ठीक कर देने से उत्तराधिकार और स्वामित्व के झगड़े कम होंगे।
✅ संपत्ति की बिक्री में सुविधा
सही मालिकाना हक़ के कारण संपत्ति का सौदा तेज़ और कानूनी रूप से सुरक्षित होगा।
✅ महिला अधिकारों की रक्षा
वारिसों में महिलाओं के नाम दर्ज होने से उन्हें संपत्ति पर कानूनी हक़ मिलेगा।
✅ डिजिटलीकरण से पारदर्शिता
ऑनलाइन उपलब्धता से हर व्यक्ति अपने रिकॉर्ड की निगरानी कर सकेगा।
7. सरकारी पोर्टल और एप्लिकेशन
प्लेटफॉर्म | विवरण |
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भूलेख महाराष्ट्र (Bhulekh Mahabhumi) | https://bhulekh.mahabhumi.gov.in |
MahaBhumi App | Google Play Store पर उपलब्ध |
Maha e-Seva Kendra | ऑफलाइन सहायता केंद्र |
8. चुनौतियाँ
❗ ग्राम स्तर पर जागरूकता की कमी
कई किसानों को अभी भी पता नहीं कि उन्हें 7/12 अपडेट कराना है।
❗ दस्तावेज़ों की अनुपलब्धता
वारस प्रमाणपत्र और बंटवारा पत्र नहीं होने पर प्रक्रिया अटक सकती है।
❗ तकनीकी समस्याएँ
ऑनलाइन पोर्टल पर लोड ज्यादा होने से साइट स्लो हो जाती है।
❗ भ्रष्टाचार की संभावना
कुछ मामलों में अधिकारियों द्वारा देरी और रिश्वत की शिकायतें मिल रही हैं।
9. सरकार की पहलें
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जनजागृति अभियान चलाए जा रहे हैं जिसमें गांवों में कैम्प लगाए जा रहे हैं।
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तहसील स्तर पर हेल्पडेस्क और मोबाइल वैन की सुविधा दी गई है।
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RTI से निगरानी की जा रही है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
10. भविष्य की योजना
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‘Live 7/12’ के बाद ‘Live 8A’ और ‘Live Ferfar’ भी डिजिटल किए जाएंगे।
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आगामी वर्षों में ब्लॉकचेन आधारित भूमि रिकॉर्ड की योजना है।
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GIS Mapping से भूमि की भौगोलिक पहचान भी जोड़ी जाएगी।
'Live 7/12 अभियान' महाराष्ट्र की भूमि व्यवस्था को पारदर्शी, डिजिटल और उत्तराधिकार समर्थक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल किसानों को आर्थिक सहायता पाने में मदद करेगा, बल्कि संपत्ति निवेश, खरीद-फरोख्त और राजस्व रिकॉर्ड के क्षेत्र में भी नई संभावना खोलेगा।
भूमि से जुड़ा यह परिवर्तन ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन की भी मजबूत कड़ी है। यदि इस अभियान को ईमानदारी, पारदर्शिता और निरंतरता से लागू किया गया, तो यह भारत के अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श मॉडल बन सकता है।
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