कृषि भूमि खरीद नियम 2025: महाराष्ट्र में अधिकतम 54 एकड़ तक जमीन खरीदने की सीमा

Total view ( 140 ) || Published: 27-May-2025

भारत में भूमि अधिग्रहण और स्वामित्व हमेशा से एक संवेदनशील और कानूनी रूप से नियंत्रित विषय रहा है। विशेष रूप से कृषि भूमि की खरीद को लेकर हर राज्य के अपने नियम होते हैं। महाराष्ट्र राज्य ने हाल ही में एक स्पष्ट सीमा तय की है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम 54 एकड़ तक कृषि भूमि खरीद सकता है। इस लेख में हम इस कानून, उसके कानूनी प्रावधानों, अपवादों, इसके पीछे का उद्देश्य, किसानों पर प्रभाव, निवेशकों की भूमिका और भूमि सुधार की दिशा में इसके योगदान पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

कृषि भूमि क्या होती है?

कृषि भूमि वह ज़मीन होती है जिसका उपयोग खेती, बागवानी, पशुपालन, वृक्षारोपण या अन्य कृषि कार्यों के लिए किया जाता है। यह भूमि राज्य सरकार द्वारा भूमि उपयोग अधिनियम के तहत परिभाषित की जाती है।

54 एकड़ सीमा का कानूनी आधार

महाराष्ट्र कृषि भूमि (सीमा निर्धारण) अधिनियम के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, परिवार या संस्था राज्य में अधिकतम 54 एकड़ कृषि भूमि का स्वामित्व रख सकता है। यह सीमा इसलिए तय की गई है ताकि:

  • भूमि का समान वितरण हो सके,

  • बड़े जमींदारों की एकाधिकार प्रवृत्ति पर रोक लगे,

  • छोटे और मध्यम किसानों को पर्याप्त भूमि मिल सके,

  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो।

भूमि सीमा निर्धारण का इतिहास

भूमि सुधार कानून 1960 और 1974 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाए गए थे। तब इनका उद्देश्य जमींदारी प्रथा को समाप्त कर कृषि भूमि का अधिक न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना था। धीरे-धीरे इसे संशोधित किया गया और वर्तमान में 54 एकड़ की सीमा लागू की गई है।

किन लोगों पर लागू होती है यह सीमा?

यह सीमा निम्नलिखित पर लागू होती है:

  1. व्यक्तिगत किसान

  2. हिंदू अविभाजित परिवार (HUF)

  3. कृषि कंपनियां (कुछ शर्तों के साथ)

  4. सहकारी समितियाँ (निर्धारित सीमा तक)

अपवाद:

कुछ विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति 54 एकड़ से अधिक भूमि भी रख सकता है, जैसे:

  • अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को प्राप्त पारंपरिक जमीन

  • कृषि अनुसंधान संस्थान

  • सरकार द्वारा स्वीकृत भूमि परियोजनाएँ

  • ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना के अंतर्गत भूमि

भूमि खरीदने की पात्रता

कौन खरीद सकता है?

  • महाराष्ट्र का निवासी व्यक्ति

  • कृषि कार्य से संबंधित व्यक्ति

  • कृषि या बागवानी की योजना रखने वाला व्यक्ति

कौन नहीं खरीद सकता?

  • शहरी निवासी जिनका कृषि से कोई लेना-देना नहीं

  • विदेशी नागरिक या NRI (विशेष अनुमति के बिना)

  • व्यापारिक उद्देश्य से भूमि लेने वाले

भूमि खरीद प्रक्रिया

  1. भूमि का चयन: ग्राम पंचायत या तहसील कार्यालय में भूमि विवरण प्राप्त करें।

  2. भूमि की जाँच: 7/12 और 8A उतारे की जाँच करें।

  3. पात्रता प्रमाणपत्र: तहसीलदार या उप-विभागीय अधिकारी से प्रमाणपत्र लें कि आप कृषि भूमि खरीदने के पात्र हैं।

  4. पंजीकरण: उप-पंजीयक कार्यालय में बिक्री पत्र का पंजीकरण कराएं।

  5. भूमि परिवर्तन की आवश्यकता: यदि भूमि कृषि है और उपयोग बदला जाना है तो भूमि उपयोग परिवर्तन (NA – Non Agricultural) की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

कृषि भूमि पर निवेश का चलन

हाल के वर्षों में कई शहरी निवेशक कृषि भूमि खरीदने में रुचि ले रहे हैं, क्योंकि:

  • भूमि की कीमतें कम होती हैं

  • लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है

  • फार्महाउस या रिट्रीट प्रोजेक्ट विकसित किए जा सकते हैं

चेतावनी:

  • निवेशक को कृषि भूमि खरीदने से पहले पात्रता जाँचना जरूरी है

  • नियमों का उल्लंघन करने पर भूमि जब्त की जा सकती है

54 एकड़ सीमा के प्रभाव

लाभ:

क्षेत्रप्रभाव
छोटे किसानभूमि तक पहुंच बढ़ी
भूमिहीन मजदूरपट्टेदारी के अवसर मिले
सरकारभूमि रिकॉर्ड का प्रबंधन आसान
समाजअसमानता में कमी

समस्याएँ:

क्षेत्रसमस्या
बड़े किसानविकास की सीमाएं
निवेशककृषि भूमि में निवेश सीमित
बिल्डर लॉबीरियल एस्टेट परियोजनाओं में बाधा

अन्य राज्यों की तुलना

राज्यअधिकतम सीमा
महाराष्ट्र54 एकड़
गुजरात54 एकड़
उत्तर प्रदेश18 एकड़
बिहार15 एकड़
पंजाबकोई निश्चित सीमा नहीं

सरकार की भूमिका

राज्य सरकार भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल कर रही है और 7/12 प्रणाली को लाइव किया गया है। इससे भूमि स्वामित्व की सत्यता और पारदर्शिता बढ़ी है। अब व्यक्ति ऑनलाइन अपनी भूमि की जानकारी देख सकता है।

7/12 उतारा और भूमि सीमा

भूमि खरीद की सीमा की पुष्टि 7/12 उतारे और भूमि निरीक्षण के रिकॉर्ड से होती है। यदि किसी के नाम पहले से 54 एकड़ दर्ज है, तो नया सौदा अवैध माना जा सकता है।

सुझाव और सुधार

  1. पात्रता प्रणाली को सरल बनाया जाए

  2. महिला किसानों को विशेष भूमि अधिकार दिए जाएँ

  3. सहकारी खेती को प्रोत्साहन मिले

  4. डिजिटल प्लेटफार्म से भूमि खरीद-बिक्री हो

निष्कर्ष

54 एकड़ की कृषि भूमि खरीद सीमा का उद्देश्य समाज में भूमि का संतुलित वितरण करना, छोटे किसानों को सशक्त बनाना और कृषि क्षेत्र में न्याय सुनिश्चित करना है। यह निर्णय जहां एक ओर कृषि क्षेत्र को स्थायित्व देता है, वहीं दूसरी ओर विकासशील निवेशकों और व्यापारिक वर्ग के लिए चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है।

सरकार यदि इस नियम के साथ-साथ डिजिटल सुविधा, पारदर्शिता और अपवादों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करती है, तो यह नीति कृषि सुधार की दिशा में एक मजबूत आधार बन सकती है।

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